आपूर्ति में कमी के कारण सेकंड हैंड कारों की कीमत में 20% तक की वृद्धि हुई है। पिछले साल देश में सेकंड हैंड कारों की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी, हालांकि बढ़ती कीमतों ने बाजार में गिरावट दर्ज की है।