ये ज्यादातर गैर-मानक या अस्थायी रोजगार, महिलाओं, युवाओं और निम्न स्तर की शिक्षा वाले कर्मचारी हैं, जो ज्यादातर छोटी कंपनियों में काम करते हैं।

यह श्रम मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्लानिंग (GEP) की एक रिपोर्ट में पाया गया था।